भारतीय रुपए का इतिहास और वर्तमान में रूपये की खासियत- हिंदी में

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दोस्तो आज हम आपको भारतीय रुपए के बारे में कुछ खास जानकारी बताएंगे, जैसे भारतीय रुपए का इतिहास, वर्तमान में रुपए की खासियत, भारतीय नोट के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी और अन्य देशों के मुकाबले भरिताय रुपए की कीमत ।

दोस्तो जैसा आप सभी जानते है कि आज का दौर हो या पिछे इतिहास का दौर रुपए हमारे जीवन में क्या अहमियत रखते है। दौर चाहे कोई भी हो समय के अनुसार हर देश की मुद्रा को कीमत हमेशा बढ़ती और बदलती रही है ।

आज से 20-25 साल पहले ₹1 की कीमत वर्तमान 500 रुपए  से ज्यादा हुआ करती थी । मतलब एक रुपए में हम पहले इतना सामान ले आते थे जितना आज के समय में एक हजार रूपये मे भी नहीं आ पाता। यही कारण है कि आज के समय में पैसा कमाने के लिया ना जाने क्या कुछ नहीं करना पड़ता । जैसे - जैसे समय बदल रहा है उतना ही रुपए कामना मुश्किल होता जा रहा है । आपने एक कहावत तो जरूर सुनी होगी बाप बड़ा ना भैया सबसे बड़ा  रुपैया ये कहावत आज के समय में सच होती नजर आ रही है या यूं कहे कि आज के समय को देखते हुए ही यह कहावत बनी है ।


रूपये का इतिहास और विशेषताएं


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रूपये का इतिहास काफी पुराना है, चलिए जानते है रुपए के इतिहास के बारे में और एक एक करके रुपए की सारी बिंदुओं पर नजर डालेंगे ।


भारतीय रुपए का इतिहास ।

रूपये शब्द का प्रयोग सबसे पहले 1540 - 1545 के बीच सर्वप्रथम शेर सिह सुरी नी अपने शासन मे किया था, उसने अपने शासन में चांदी के सिक्के, सोने के सिक्के जिसे मोहरे कहा जाता था और तांबे के सिक्के भी चलाए । उस समय चांदी के सिक्को का वजन 11.53 ग्राम के लगभग था । 
रूपये शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के शब्द  रूप् या रुप्याह्  से हुई जिसका मतलब चांदी होता है और रूप्यकम् का मतलब चांदी का सिक्का होता है शेर सिंह के शासन में  चलाया गया, और तब से लेकर आज तक रुपया शब्द प्रचलन मे है । और ब्रिटिश शासनकाल में भी इसका नाम नहीं बदला गया ।

रूपये की पीढ़ी और रुपए का आविष्कार ।

रूपये की पीढ़ी काफी पुरानी है, पहले समय में वस्तु विनिमय चलता था मतलब किसी चीज़ के बदले कोई दूसरी चीज़ देना, वस्तुओं को अदला बदली करना, परंतु बाद में लोगो कि जरुरते बड़ी और वस्तु विनिमय से लोगो को परेशानियां होने लगी  । जिसके कारण कौड़ियों से व्यापार चालू किया गया  । और बाद में इसे सिक्को मे बदला गया । 
वर्तमान में जो सिक्के हम देखते है दरअसल वह बहुत समय बाद  सिक्के बने उससे पहले बहुत सी मुद्राएं  आई जिनके नाम समय के और जरूरत के अनुसार बदलते रहे ।
मनुष्य के सारे आविष्कारों में एक आविष्कार मुद्रा का भी है। जिसने सारी दुनियां का नक्शा ही बदल दिया, रुपए के विकास ने सामाजिक और आर्थिक विकास में बहुत योगदान दिया । यह तक को लोगो के जीने को तरीका ही बदल कर रख दिया ।
पहले रुपए की क्या कीमत थी और किस - किस नाम से यह  गुजरा है, रुपए के बचपन से लेकर अब तक का सफर कैसा रहा, और कब किस नाम से इसे पहचाना गया आइए एक नजर देखते है ।
यदि रुपए की इकाई की बात की जाए  तो रुपए की सबसे छोटी और सबसे पहले इकाई का नाम लिया जाए तो वह थी फूटी कौड़ी  थी । बाद में इसे एक अच्छी कौड़ी का रूप दिया गया । परन्तु फिर भी फूटी कोड़ी चलन में थी इसे बंद नहीं किया गया था।

पुराने समय के पैसे


प्राचीन मुद्रा को हम एक तालिका के माध्यम से जानते है ।

प्राचीन काल की बदलती मुद्राओं की तालिका ।


1 फूटी कौड़ी से कौड़ी
2 कौड़ी से दमड़ी
3 दमड़ी से धेला
4 धेला से पाई
5 पाई से पैसा
6 पैसा से आना
7 आना से रुपया

256 दमड़ी = 192 पाई = 128 धेला
64 पैसा = 16 आना = 1 रुपया

प्राचीन मुद्रा की Value ( मूल्य )

1 3 फूटी कौड़ी = 1 कौड़ी
2 10 कौड़ी = 1 दमड़ी
3 2 दमड़ी = 1 धेला
4 1.5 धेला = 1 पाई
5 3 पाई = 1 पैसा
6 4 पैसा = 1 आना
7 16 आना = 1 रुपया

तो ऊपर दी गई तालिका से हमने जाना की रुपए का जीवनकाल कैसा रहा और यह समय के अनुसार किस किस नाम से जाना पहचाना गया 

आपने पुरानी मुद्राओं के नाम से बहुत सी कहावतें भी सुनी होगी जैसे -(1) चमड़ी  जाए पर दमड़ी ना जाए
(ii)  मेरे पास फूटी कोड़ी भी नहीं है (iii) धेले भर का काम नहीं आता (iv)  पाई पाई का हिसाब रखना (V) सोलह आने सच होना ।  आदि

भारत में कब कौन सी मुद्राएं छापी गई ।

ऊपर दी गई जानकारी आपने पढ़ी होगी तो अब आप जान गए होंगे कि रुपए की सबसे छोटी इकाई कौन सी थी अब बात करते है कब कौन से सिक्को को चलन मे लाया गया पुराने सिक्कों को बंद करके ।

सिक्को का चलन कब हुआ ( पैसे से अब तक का सफर )

  • एक पैसे का सिक्का 1957 से 1972 के बीच बने और 2011 में सरकार ने इनको बंद कर दिया इनपर पूरी तरह से बैन लगा दिया गया ।
  • 1पैसा, 2पैसा, 3पैसा और 5पैसा, 10, 20, 25 और 50पैसों के सिक्के को चलन मे लाए गए जो देश में लंबे समय तक चले । परन्तु 2011 तक इनको भी बंद कर दिया गया ।
  • हालांकि 50 पैसे का सिक्का अब भी चलन मे है, आधिकारिक तौर पर सरकार ने इसे बंद नहीं किया परन्तु अब शायद ही ऐसा कोई हो जो 50 पैसा लेता हो ।
  • कुछ समय तक भारत में आना भी चला जैसे 1 आना, ½ आना, 2 आना आदि बाद में  इन्हे भी बंद कर दिया गया । यहां 16 आने का मतलब था 1 रुपया ।
  • 1 रुपए का सिक्का 1962 से चलन मे लाया गया और यह अब तक चल रहा है । हालांकि इसके डिजाइन और साइज़ में समय समय पर बदलाव किए जाते रहे है ।
  • इसके बाद 2रुपए का सिक्का ( 1982 ), 5रुपया (1992), और 10रुपए के सिक्के (2006) में लाए गए ।
  • 10 रुपए के सिक्के को लेकर लोगो के भ्रम था कि यह नकली है । परन्तु यह सारे सिक्के असली है ।
  • 20 रुपए का सिक्का 2019 में बनना चालू हुआ जो अब तक का सबसे अधिक मूल्य का सिक्का है । वर्तमान में यह चलन में है ।


भारत में कागजी नोटों को सुरुआत।

भारत में कागजी मुद्रा का चलन 1938 में कोलकाता में बैंक ऑफ हिन्दुस्तान ने सबसे पहले 5 रुपए के नोट जारी किए थे । 1938 में RBI ने पहली बार कागज के नोट छापे जिस पर किंग जोर VI का फोटो बना था।
  • 1938 जनवरी में 5 रुपए के नोट छापने सुरूं किए गए ।
  • इसी साल 1938 में 10 रुपए के नोट छपे थे ।
सर्वप्रथम  छपा 10 रुपए का नोट (१९३८)


  • मार्च 1938 में 100 रुपए के नोट और जून में 1000 रुपए के नोट छापे गए थे ।
  • वहीं 1 रुपए का नोट आजादी के बाद 1949 में जारी किया गया था।
  • रिजर्व बैंक ने 1969 में स्मरण के तौर पर  पहली बार 100 रुपए के नोट पर गांधी जी की तस्वीर छापना सुरु क्या था।
  • अब एक रुपए के नोट को भारत सरकार जारी करती है, इसलिए इस पर गवर्नर के हस्ताक्षर ना होकर वित्त सचिव के हस्ताक्षर होते है ।
  • 20 रुपए का नोट 1983 -84 में लाया गया था।
  • 50 रुपए का नोट 1997 में जारी किया गया ।
  • 2000 का नोट नवम्बर 2016 में परिचालन में लाया गया ।
  • 200 रुपए का नया नोट 2017 से चलन मे लाया गया ।
 नोट:- जनवरी 1946 में, 1000 और 10,000 रुपए के नोटों को वापस ले लिया गया था और 1000, 5000 और 10,000 रुपए के नए नोट 1954 में पुनः शुरू किए गए थे। 16 जनवरी 1978 को जनता पार्टी की गठबंधन सरकार ने फिर से 1000, 5000 और 10,000 रुपए के नोटों का विमुद्रीकरण किया था ताकि जालसाजी और काले धन पर अंकुश लगाया जा सके। (स्रोत: विकिपीडिया)

वहीं 2016 में एक बार फिर से 500 और 1000 के नोटों को आधिकारिक तौर पर अवैध कर दिया गया ।और उनके स्थान पर नए 500 और 2000 के नोट जारी किए गए ।

जब से पुरानी मुद्राएं बंद हुई है तब से अब तक हमारी पीढ़ी ने सिर्फ सुना था कि पैसा क्या होता है, आना क्या है दमड़ी क्या है ।
आज के बच्चे सिर्फ रुपए को जानते है, उन्होंने कभी देखा नहीं हमारे देश की पुरानी मुद्राओं को, हमने इस लेख के माध्यम से आपके बीच हमरी पुरानी मुद्राओं के बारे में कुछ जानकारी दी । उम्मीद है आप यह जानकारी अपने बच्चो को जरूर बताएंगे।।
साथ ही इसे अन्य लोगो के साथ साझा भी करेंगे ।

तो दोस्तो ये थी भारतीय रुपए के इतिहास की कुछ जानकारियां उम्मीद है आपको यह लेख पसंद आया होगा । इस लेख को अपने व्हाटसएप ग्रुप में शेयर करे जिससे रुपए के इतिहास के बारे में और लोगो को पता चल सके ।

यदि आपके मन मे रुपए को लेकर कोई सवाल है तो कृपया नीचे कमेंट करके हमसे पूछे, अगली पोस्ट में हम आपके हर सवाल का जवाब देंगे ।
Thanku......

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