मुझको छोड़ने की बजह तो बता जाते, तुम मुझसे बेज़ार थे या हम जैसे हज़ार थे।
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शायद मैं इसीलिए पीछे हूं,
मुझे होशियारी नही आती।
बेशक लोग ना समझे मेरी वफादारी
मगर मुझे गद्दारी नही आती।।
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मोहब्बत में अक्सर बवाल होता है
तुम्हारा फ़ोन कहाँ Busy था
बस यही एक सवाल होता है ।
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अल्फ़ाज़ अक़्सर
अधूरे ही रह जाते हैं मुहब्बत में,
हर शख़्श किसी न किसी की चाहत
दिल में दबाये रखता है।
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एक मेरा सुकुन और एक तुम,
कहाँ रहते हो.
आजकल दोनो मिलते ही नही।
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कुछ भी नहीं है खास इन दिनों
तू जो नहीं है पास इन दिनों ।
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अब मत खोलना
मेरी जिंदगी की पुरानी किताबों को।
जो था वो मैं रहा नहीं जो हूँ
वो किसी को पता नहीं।
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उसकी आँखों का खुमार उफ्फ,,,,,,,तौबा
यकीन करो दिल ना देते तो जान चली जाती।
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नज़रें मिले तो प्यार हो जाता है ,
पलकें उठे तो इज़हार हो जाता है।
ना जाने क्या कशिश है चाहत में ,
के कोई अनजान भी हमारी
ज़िन्दगी का हक़दार हो जाता है।
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सुना था मोहब्बत मिलती है मोहब्बत के बदले
हमारी बारी आई तो रिवाज ही बदल गया।
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भींग गई पलके फ़िर ये सोचकर
तु मिलने आ तो रहा हैं
मगर फ़िर से बिछडने के लिये।
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Tumhe is hadd tak chahne ki tammna he
Mere jane ke bad bhi tum mere liye ji Sako,
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नसीहतों का असर आज कल इस लिए भी नहीं होता क्योंकी
लिखने वाले और पढ़ने वाले दोनो ये समझते हैं की ये दूसरों की लिए है!
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पुराने वक़्त का सिक्का हूँ मुझको फेंक न देना यारों
बुरे दिनों में ये श्याद मुमकिन है मैं ही चल जाऊँ..!
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बात करने के लिये..
वक्त और शब्द नही..
मन होना चाहिये ।
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हाथों में पत्थर नहीं,फिर भी चोट देती है...
ये जुबान भी अजीब है,
अच्छे-अच्छों के घर तोड देती है...
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अगर कोई आपसे,
उम्मीद करता है...
तो ये उसकी मजबूरी नहीं ___
आपके साथ लगाव
और विश्वास है...!
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सारी उम्र, यूँ ही गुजर गई रिश्तों की तुरपाई में, कुछ रिश्ते पक्के निकले....
बाकी उधड़ गई ...कच्ची सिलाई में।।
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करता नही है कोई कद्र यहाँ किसी के अहसासों की...
हर किसी को फिक्र है बस मतलब के ताल्लुक़ातो की....!!
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उस रिश्ते को भी निभाया हमने...।
जिसमें ना मिलना पहली शर्त थी. ।
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रास्तों की जरूरत नहीं
अब हमें,
तेरे कदमों के
निशान मिल गए..
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रख लो दिल में संभाल कर थोड़ी सी यादें हमारी,
रह जाओगे जब तन्हा...बहुत काम आयेंगे हम।
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कोई था ही नहीं समझाने के लिए,
फिर हुआ यू की दर्द ने ही दर्द को तसल्ली दी है.
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आ गए हो जो तुम मेरे पहलू में
तो रुककर ही जाना
तेरे सुकूँ और खुशियों की वजह बनूँगा
जरा तो आज़मा जाना ।
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तेरे होकर तुझमे जीना है मुझे
तेरी सांस में मेरी सांस को मिलना है
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सवाल करने वाले तो बहुत मिलते है,
लेकिन बिना सवाल किये ख्याल रखने वाले नसीब से मिलते है !!
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यह क़ाफ़िले यादों के कहीं खो गये होते
इक पल भी अगर भूल से हम सो गये होते
ऐ शहर तेरा नाम-ओ-निशां भी नहीं होता
जो हादसे होने थे अगर हो गये होते
हर बार पलटते हुए घर को यही सोचा
ऐ काश किसी लम्बे सफ़र को गए होते
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हर नमी में तेरी कमी तो रहेगी।
आँखे कुछ नम तो रहेगी।
ज़िन्दगी को हम कितना भी सवांरेगे
हमेंशा आप जैसे दोस्त की कमी रहेगी..माही..
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ज़ख़्म मेरे सीने जब भर जायेंगे
आँसू मोती बनकर बिखर जायेंगे
ये न पूछो के धोखा किसने दिया
वरना अपनों के चेहरे उतर जायेंगे
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वो कहते थे रह नही सकते तेरे बीना सब कहने की बात हैं,
रह भी रहे हैं वो ओर जी भी रहे हैं वो।।
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हिस्सा हिस्सा तुझे लिखू कैसे
किस्सा किस्सा मेरी क़िताब हैं तू
तेरी आँखों के चंद ख्वाबो में
मेरी किस्मत की हँसी रात हैं तू
कैसे लिख दू के दूर हैं कितना
मेरी साँसों के साथ साथ हैं तू ।
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ठुकरा दो अगर दे कोई जिल्लत से समंदर,
इज़्ज़त से जो मिल जाये वो कतरा ही बहुत है।
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पीते थें जिसके साथ में,
वो साकी बड़ी हसीन थी
आदत लगाके जालिम नें,
मयखाना ही बदल दिया
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मजबूरी में पहन ले...
.......फिर दे उतार
हेलमेट सा हो गया है
.....लोगों का किरदार..
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सिर्फ वक्त ही गुजारना हो तो किसी और को आजमा लेना..
हम तो चाहत और दोस्ती दोनों इबादत की तरसा करते है ...
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