हिंदी शायरी...कुछ भी नहीं है खास इन दिनों,, तू जो नहीं है पास इन दिनों ।

शायद मैं इसीलिए पीछे हूं

मुझे होशियारी नही आती।

बेशक लोग ना समझे मेरी वफादारी

मगर मुझे गद्दारी नही आती।

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मोहब्बत में अक्सर बवाल होता है

तुम्हारा फ़ोन कहाँ Busy था 

बस यही एक सवाल होता है ।।

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अल्फ़ाज़ अक़्सर,

अधूरे ही रह जाते हैं मुहब्बत में.. 

हर शख़्श किसी न किसी की चाहत

दिल में दबाये रखता है।।

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एक मेरा सुकुन और एक तुम,

कहाँ रहते हो. 

आजकल दोनो मिलते ही नही।।

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कुछ भी नहीं है खास इन दिनों


तू जो नहीं है पास इन दिनों ।।


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❛​अब मत खोलना 

मेरी​ ​जिंदगी की पुरानी किताबों को। 

​जो था वो मैं रहा नहीं​ ​जो हूँ 

वो किसी को पता नहीं।❜

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उसकी आँखों का खुमार उफ्फ......तौबा

यकीन करो दिल ना देते तो जान चली जाती।।

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नज़रें मिले तो प्यार हो जाता है ,

पलकें उठे तो इज़हार हो जाता है। 

ना जाने क्या कशिश है चाहत में ,

के कोई अनजान भी हमारी 

ज़िन्दगी का हक़दार हो जाता है।

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सुना था मोहब्बत मिलती है मोहब्बत के बदले

हमारी बारी आई तो रिवाज ही बदल गया।।

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भींग गई पलके फ़िर ये सोचकर

तु मिलने आ तो रहे हो,,,,,

मगर फ़िर से बिछडने के लिये।।

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Tumhe is hadd tak chahne ki tammna he ,


Mere jane ke bad bhi tum mere liye ji Sako,


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नसीहतों का असर आज कल इस लिए भी नहीं होता क्योंकी

लिखने वाले और पढ़ने वाले दोनो ये समझते हैं की ये दूसरों की लिए है!।।

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पुराने वक़्त का सिक्का हूँ  मुझको फेंक न देना यारों


बुरे दिनों में ये श्याद मुमकिन है  मैं ही चल जाऊँ..!

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बात करने के लिये..

वक्त और शब्द नही..

मन होना चाहिये....।।

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हाथों में पत्थर नहीं,फिर भी चोट देती है...


ये जुबान भी अजीब है,

अच्छे-अच्छों के घर तोड देती है..।।

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अगर कोई आपसे,

  उम्मीद करता है... 


तो ये उसकी मजबूरी नहीं,


 आपके साथ लगाव

 और विश्वास है..।।

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सारी उम्र, यूँ ही गुजर गई रिश्तों की तुरपाई में, कुछ रिश्ते पक्के निकले.

बाकी उधड़ गई ...कच्ची सिलाई में।।।

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करता नही है कोई कद्र यहाँ किसी के अहसासों की...

हर किसी को फिक्र है बस मतलब के ताल्लुक़ातो की....!!।

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उस रिश्ते को भी निभाया हमने...।

जिसमें ना मिलना पहली शर्त थी...।

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रास्तों की  जरूरत नहीं  

अब हमें, 

        तेरे कदमों के  

    निशान  मिल गए..।।

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रख लो दिल में संभाल कर थोड़ी सी यादें हमारी,

रह जाओगे जब तन्हा...बहुत काम आयेंगे हम।

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कोई था ही नहीं समझाने के लिए,

फिर हुआ यू की दर्द ने ही दर्द को तसल्ली दी है.

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आ गए हो जो तुम मेरे पहलू में 

तो रुककर ही जाना

तेरे सुकूँ और खुशियों की वजह बनूँगा

जरा तो आज़मा जाना ।।

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तेरे होकर तुझमे जीना है मुझे 

तेरी सांस में मेरी सांस को मिलना है।

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सवाल करने वाले तो बहुत मिलते है,

लेकिन बिना सवाल किये ख्याल रखने वाले नसीब से मिलते है !!

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यह क़ाफ़िले यादों के कहीं खो गये होते

इक पल भी अगर भूल से हम सो गये होते ।

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ऐ शहर तेरा नाम-ओ-निशां भी नहीं होता

जो हादसे होने थे अगर हो गये होते ।

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हर बार पलटते हुए घर को यही सोचा

ऐ काश किसी लम्बे सफ़र को गए होते ।

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हर नमी में तेरी कमी तो रहेगी।

आँखे कुछ नम तो रहेगी।

ज़िन्दगी को हम कितना भी सवांरेगे

हमेंशा आप जैसे दोस्त की कमी रहेगी..माही..

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ज़ख़्म  मेरे सीने  जब भर जायेंगे

आँसू मोती बनकर बिखर जायेंगे

ये न  पूछो  के  धोखा किसने दिया

वरना अपनों के चेहरे उतर जायेंगे

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वो कहते थे रह नही सकते तेरे बीना सब कहने की बात हैं, रह भी रहे हैं वो ओर जी भी रहे हैं वो।।

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हिस्सा हिस्सा तुझे लिखू कैसे

            किस्सा किस्सा मेरी क़िताब हैं तू 

तेरी आँखों के चंद ख्वाबो में❤️

            मेरी किस्मत की हँसी रात हैं तू

कैसे लिख दू के दूर हैं कितना❤️

           मेरी साँसों के साथ साथ हैं तू❤

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💔ठुकरा दो अगर दे कोई जिल्लत से समंदर,

इज़्ज़त से जो मिल जाये वो कतरा ही बहुत है।💔

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पीते थें जिसके साथ में, 

वो साकी बड़ी हसीन थी 

आदत लगाके जालिम नें,

मयखाना ही बदल दिया।।।

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मजबूरी में पहन ले...

                 .......फिर दे उतार 

हेलमेट सा हो गया है 

                ..लोगों का किरदार..

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सिर्फ वक्त ही गुजारना हो तो किसी और को आजमा लेना..


हम तो चाहत और दोस्ती दोनों इबादत की तरह करते है ...

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