एक बार की बात है एक आर्ट गैलरी ने बहुत बड़ी प्रतियोगिता का आयोजन किया जिसमें उन्होंने कहा जो भी शांति को दिखाने वाली दुनिया की सबसे अच्छी पेंटिंग बनाएगा उसे 10 मिलियन डॉलर का इनाम दिया जाएगा ।
यह बात पूरी दुनिया में फैल गई और दुनिया भर से हजारों पेंटरो ने अपनी-अपनी पेंटिंग भेजी, उस कॉन्टेस्ट में पार्टिसिपेट करने के लिए।
उन पेंटिंग में से जजों ने प्रदर्शन के लिए100 पेंटिंगों को चुना । और उन पेंटरों को बुलाया ।
साथ ही साथ मीडिया वाले और उनके साथ हजारों की भीड़ जमा थी क्योंकि इनाम इतना बड़ा था कि सभी देखना चाहते थे ये इनाम किसे मिलेगा । वह पेंटिंग कैसे होगी ?
कौन वो खुशनसीब होगा जो इस इनाम का हकदार होगा ।
फाइनली वह पल आ ही गया,
वहां सभी पेंटिंग एक से बढ़कर एक थी वह कुछ पेंटिंग ऐसी थी जहाँ सबसे ज्यादा भीड़ थी ।
जिसमें एक नदी थी उसमें बर्फ जमी थी पीछे पहाड़ थे और पीछे से Sunrise ( सूर्य उदय ) हो रहा था ।
एक पेंटिंग और भी थी जहां पेंटर ने बिल्कुल शांति ही दिखाई थी जहां रात में चांद था और आसपास बहुत तारे थे, और नीचे एक नदी थी, जो बिल्कुल स्थिर थी इतनी स्थिर की उसमें वहां मौजूद सभी चीजों के प्रतिबिंब साफ दिखाई दे रहे थे बिल्कुल कांच की तरह ।
एक पेंटिंग और भी थी जिसमें बिल्कुल सफेद बादल ,नीला- नीला आसमान था, नीचे हरी घास थी ।
मतलब वह सारी ही पेंटिंग ऐसी थी जिनको देखते ही मन शांत हो जाए ।
प्रतियोगिता बहुत ही कठिन था जिसमें सभी जजो को यह फैसला करना कि कौन सी पेंटिंग सबसे अच्छी और शांति को प्रदर्शित करती है । बहुत मुश्किल हो रहा था।
आखिरकार वह पल आ ही गया जब जजों ने उन पेंटिंगो में से एक पेंटिंग चुनकर एक बड़े से पर्दे के पीछे रख दिया, और सामने वो सभी पेंटर मीडिया वाले और हजारों लोग खड़े थे ।
क्योंकि सभी की जिज्ञासा बढ़ती ही जा रही थी क्योंकि इनाम 10 मिलियन डॉलर का जो था, परंतु जैसे ही वह पर्दा हटा और सामने से सभी ने उस पेंटिंग को देखा तो सब हैरान हो गए सब एक दूसरे की शक्ल देखने लगे, किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि यह हो क्या रहा है । जो पेंटिंग वहां पर रखी थी वहां दूर-दूर तक शांति को प्रदर्शित नहीं कर रही थी ।
पहले सब को लगा कि शायद आर्ट गैलरी वाले से कोई गलती हुई है वहां गलती से गलत पेंटिंग रखी गई है ।
कुछ पेंटरो ने आर्ट गैलरी के मालिक से पूछा कि क्या यह गलती से यह पेंटिंग रखी गई है ? जो शांति को नहीं दर्शाती है ।
उस आर्ट गैलरी वाला थोड़ा मुशकुराया और उसने कहा नहीं यह सही पेंटिंग है, और इसे ही जजों ने चुना है ।
सारे पेंटर्स यह बात सुनकर गुस्से से भर गए सभी ने वहां विद्रोह कर दिया ।
यह देख कर सभी मीडिया वाले उस आर्ट गैलरी के मालिक के पास गए, और सभी ने अपने अपने माइक उसके सामने लगा दिए ।
तभी आर्ट गैलरी वाला मुस्कुराया और और कहा मुझे कुछ कहने या पूछने से पहले जरा इस पेंटिंग को एक बार पास से और ध्यान से देखो, क्या आपको इसमें कुछ नजर आता है ? क्योंकि आपने इसमें यह तो देख लिया कि इसमें आंधी है, तूफान है, सब कुछ चारों तरफ तहस-नहस हो रहा है । आसमान में बिजली चमक रही है, सब तरफ काले बादल हो रहे हैं, यह सब तो आप ने देखा ।
परंतु इस पेंटिंग में आपने एक चीज नहीं देखी, कि इसमें एक घर भी है और उसमें एक छोटी सी खिड़की है, जहां पर एक आदमी खड़ा हुआ है, ध्यान से जाकर देखिए वह जो आदमी खड़ा हुआ है उसके चेहरे को देखिए, कोई डर नहीं है बल्कि एक हल्की सी मुस्कान है एक ठहराव है एक सुकून है, और यही है शांति का असली मतलब ।
यानी कि शांति का ही यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि हमारे आसपास पहाड़, नदी सब कुछ शांत है और फिर हम लोग शांत है ।
क्योंकि यहां सब चीज तो टेंपरेरी है। अशली शांति का मतलब यह है कि हमारे बाहर जो कुछ भी हो रहा हो, मगर अंदर से हम बिल्कुल शांत है ।
हमारा मन शांत है क्योंकि जिसका मन शांत नहीं है उसे कितनी भी सुंदर से सुंदर जगह पर बैठा दो वहां जाकर भी वह दुःखी ही रहेगा । पर दूसरी तरफ जिसका मन शांत हो उसके आसपास चाहे जो हो रहा है सब कुछ तहस-नहस हो रहा है तूफान हो लेकिन अंदर से बिल्कुल शांत रहेगा यही शांति का असली मतलब है ।
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