भूतहा सड़क, डरावनी सच्ची कहानी ।Ghostly street horror story

 यह कहानी एक सत्य घटना पर आधारित है, और यह मुझे भेजी है एक दोस्त ने उसी के कहने पर मैने कहानी लिखना चालू किया है मुझे लगा जैसे मेरे दोस्त के साथ हादसा  हुआ है वैसा ही बहुत से लोग साथ भी होता है ।

पर वह सोचते  हैं, वह अपनी  आपबीती किसे बताएं क्योंकि कोई उनकी बातों पर यकीन नहीं करेगा । परंतु वह अब अपनी आपबीती हमें बता सकते हैं हम आप की कहानी, आपके नाम के साथ दर्शकों को बताएंगे, तो चलिए शुरू करते हैं ।

 आज की रियल स्टोरी ।





यह बात है अक्टूबर 2018 की जब राकेश और उसकी वाइफ बाइक से फ्रेंड के यहां पार्टी में जा रहे थे, राकेश   ऑफिस में काम करता है ।

ऑफिस से छुट्टी होने में रात के 8:00 बज गई क्योंकि आज ऑफिस में काम बहुत ज्यादा था । इसलिए उसे लेट हो गया गया राकेश छुट्टी होते ही जल्दी घर आया और अपनी वाइफ सुनीता को  लेकर रात के करीब 9:00 बजे अपनी बाइक से दोस्त के यहां जाने के लिए निकल गया ।

मगर उसे पता नहीं था कि यह रात  उसके जीवन की सबसे भयानक रात होने वाली है ।


 राकेश के घर से उसके दोस्त का घर करीब चालीस किलोमीटर दूर था। जिसका रास्ता एक घने जंगल से होकर जाता था,


 राकेश और सुनीता बात करते हुए जा रहे थे, 


तभी सुनीता ने देखा एक ट्रक उनके पीछे लगातार हॉर्न बजा रहा है,


 सुनीता राकेश से बोलती है, सुनो पीछे वाली गाड़ी को साइड दे-दो वह कब से हॉर्न बजा रहा है ।


तभी राकेश बोलता है , क्यू मजाक कर रही हो पीछे कोई गाड़ी नहीं है।


 सुनीता बोलती है वह गाड़ी हमारे जस्ट पीछे है,


 राकेश को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि यह क्या हो रहा है।


 क्योंकि उसे तो कोई गाड़ी दिखाई ही नहीं दे रही थी, और ना कोई हॉर्न की आवाज आ रही थी।


 फिर उसकी वाइफ को कैसे दिखाई दे सकती हैं, पहले तो राकेश को लगा कि उसकी वाइफ मजाक कर रही है । 


तभी उसे ध्यान आया कि उसकी वाइफ कभी भी ऐसे सुनसान रास्ते पर मजाक नहीं कर सकती ।


 तभी वह ट्रक अचानक गायब हो जाता है । यह देखकर सुनीता को लगता है शायद ट्रक कहीं रुक गया होगा ।


 कुछ दूर जाते ही सामने से अचानक वही ट्रक आ जाता है, परन्तु इस बार वह सिर्फ राकेश को ही दिखाई देता है


अचानक अपने सामने आता देख ट्रक को देखकर राकेश घबरा जाता है । 


राकेश घबराहट से असन्तुलित होकर बाइक लेकर गिर जाता है ।


सुनीता कहती  है क्या हुआ ?


 राकेश कहता है वह ट्रक हमारे ऊपर  आने वाला था, उसकी वाइफ कहती है यह तुम्हारे  भ्रम था  सामने कोई ट्रक नहीं था, तभी राकेश पीछे मुड़कर देखता है, तो वहाँ सच मे कोई भी ट्रक नही था ।


 तभी एक डरावनी  चीख उनको सुनाई देती है आवाज सुनकर वह  दोनों बहुत डर जाते हैं,


 और समझ जाते हैं कि कुछ तो गड़बड़ है।


 और उनको इस जगह से बहुत जल्दी निकल जाना चाहिए ।


राकेश जैसे ही बाइक उठाता है बाइक से चाबी गायब थी।


 वह दोनों आसपास चाबी को बहुत ढूंढते हैं, मगर चाबी उनको कहीं नजर नहीं आती । तभी अचानक सुनीता को आसमान  में कुछ दिखाई देता है।


 कुछ धुआं जैसा, उसे देख कर सुनीता बहुत डर जाती है । 


,क्योंकि वह कोई धुआं नहीं बल्कि कुछ आत्मा जैसा आसमान में घूम रहा था । कुछ आत्माये आसमान में मंडरा रही थीं । तो कुछ उनके आस पास घूम रही थी ।


परन्तु यह सब सुनीता को ही दिखाई दे रहा था ।


और लगातार डरावनी आवाज आए जा रही थी 

 यह सब देख और सुनकर सुनीता डर के मारे बेहोश हो जाती है ।

राकेश उसे होश में लाने की बहुत कोशिश करता है परंतु वह होश में नहीं आती है ।


 राकेश सोचता है वह किसी को कॉल करे परन्तु वह जैसे ही अपना फोन देखता है ।


 फ़ोन बाइक के गिरने से टूट चुका था ,अब इस सुनसान रास्ते में उनकी मदद कौन करेगा ?


 तभी अचानक दूर से एक कार आती दिखाई देती है।  उसे देखकर राकेश को थोड़ी राहत मिलती है, राकेश उस कार को  रोकना चाहता है मगर वह कार उसके पास नहीं रुकती और कुछ दूर जाकर रुक जाती है ।


राकेश कार वाले को अपना सारा हाल बताता है, और उसे अपनी मदद करने के लिए बोलता है ।


राकेश कहता है कि उनको आगे शहर तक छोड़ दें ,क्योंकि उसकी वाइफ सुनीता बेहोश हो चुकी है, इसलिए उसे इलाज की भी जरूरत थी।


   कार वाला उनको आगे तक छोड़ने के लिए तैयार हो जाता है । राकेश अपनी बाइक उठाता है और जंगल में थोड़ा अंदर को खड़ी कर देता है, 


जिससे कि उसे चोरी होने से बचाया जा सके ।कार वाला उन्हें अपनी कार में बैठा लेता है, और कुछ दूर जाते ही कार के सामने से अचानक कोई सफेद चीज़ बीच रास्ते पर दिखाई देती है,


 यह देखकर कार वाला कार रोक देता है ।

तभी राकेश कार वाले  से पूछता है क्या हुआ ?

तभी राकेश कार वाले  से पूछता है क्या हुआ ?


 मगर कारवाला कोई जवाब नहीं देता, राकेश के बार -बार पूछने पर कि क्या हुआ, कार  वाले का कोई जवाब नहीं आता।


तो राकेश आगे ड्राइविंग सीट पर कार वाले को देखता है, मगर वहां कोई भी कारवाला नहीं दिखाई देता , यह सोच कर की कारवाला  नीचे उतर गया होगा ।


वह भी उसे देखने  के लिए  नीचे उतर जाता है।


 परंतु वहां उस समय हैरान हो जाता है,


 जब वह देखता है, कि वह तो उसी जगह पर है जहां पर उनकी बाइक गिरी थी यह सब देख कर राकेश को कुछ भी समझ में नहीं आता,


 उस्की बाइक को बीच सड़क पर खड़ा देखकर उसके पैरों तले ज़मीन निकल जाती है । क्योंकि वह तो अपनी बाइक को जंगल के थोड़ा अंदर खड़ा करके आया था । और फिर इतना सफर जो कार से तय किया था, वह कहाँ गया ?

वह सुनीता को होश मे लाता है, सुनीता के होश में आते  ही दोनों डरते हुए बाइक के पास जाते हैं, और राकेश देखता है कि उसकी  चाबी उसके बाइक में ही लगी है, राकेश सुनीता से बोलता है , जल्दी आओ हमें बहुत जल्दी यहाँ से निकल जाना चाहिए ।

तभी सुनीता राकेश से पूछती है, यह सब हमारे साथ क्या हो रहा है । परंतु राकेश खुद उसे कुछभी बताने की हालत में नही था ।


वह सिर्फ इतना कहता है, हमे जितनी जल्दी हो यहाँ से निकलना है ।




और दोनों बाइक पर बैठकर चले जाते हैं ।


 मगर वहां डरावनी आवाज उनका अब  पीछा नहीं छोड़ रही थी ।


अब रात के करीब बारह बज चुके थे, आसमान में बिजली चमक रही थी, ।

अंधेरी काली रात, सुनसान सड़क ऊपर से यह हादसा कुछ डरावनी आवाजे, किसी को भी विचलित कर सकती है ।








जैसे-तैसे राकेश और सुनीता अपने दोस्त के यहां पहुंचते हैं  उनको देख उनका दोस्त कहता है तुम लोग बहुत लेट हो गए । 




पार्टी तो कब की खत्म हो गई ।


सारे मेहमान घर जा चुके हैं,।


 तभी उसके दोस्त के पिताजी राकेश से पूछते हैं तुम बहुत घबराए हुए दिखाई दे रहे हो ।


 आखिर इतनी घबराहट क्यों है ?


 तब राकेश अपने साथ हुए हादसे के बारे में उनको बताता है ।


कि उनके साथ जंगल में क्या हुआ था । वह तो घर से यहाँ आने के लिए समय से ही निकले, परंतु रास्ते में वे लोग किस कारण लेट हो गए वह सब कुछ बता देता है  

तभी वह दोस्त के पिताजी बोलते है, आज तो अमावश्य है, और जो चीज तुम्हें दिखाई दे रही थी वह कोई साधारण चीज नहीं थी ।


 जंगल में भटकती हुई आत्माएं थी जिनका मकसद हर किसी को परेशान करना  रहता है ।अब जब तुम सही सलामत आ गए हो तो आज रात यही  रुकना और सुबह होते ही चले जाना ।


रात को जाना खतरे से खाली नहीं है और राकेश और सुनीता वहीं रुक जाते हैं।


इस हादसे के बाद राकेश और सुनीता कभी भी उस रास्ते से रात में नही जाते । और आज भी वह हादसे को याद करते है तो डर जाते है ।








  तो दोस्तों आपको क्या लगता है उस रात राकेश और सुनीता के साथ किया हुआ होगा ?




 या फिर यह सिर्फ उनका भ्रम था यदि यह उनका भ्रम था, तो  दोनों को कैसे हो सकता है ?


 और यदि यह उनका भ्रम नहीं था, तो क्या उनके साथ हुआ हादसा जो उन्होंने देखा, वह आत्माएं  क्या वह सब हकीकत था ।


 हमें कमेंट बॉक्स में बताएं ,और यदि आपके साथ या आपके परिवार या दोस्तों के साथ कभी भी कोई ऐसा हादसा हुआ है, तो हमें कमेंट बॉक्स में बताएं ।


 हम आप की कहानी पर ऐसे ही स्टोरी बनाकर हमारे दर्शकों को बताएंगे ।


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