पुराना खंडहर । एक डरवानी कहानी हिंदी में । Old haweli The Horror Story

 

शहर से दूर एक पुराना खंडहर था जिसके बारे में लोगों का कहना है कि वहां पर किसी आत्मा का वास है। कुछ लोग इस बात को सच नहीं मानते थे। लोग वहां दिन में जाने से भी डरते थे, सच क्या है, झूठ किया है, इसका पता लगाने के लिए पांच दोस्त राजू, मोनू, सीना, शालिनी और रघु उस खंडहर में जाने का प्लान बनाते हैं। पांचो दोस्त जब खंडहर के पास पहुंच जाते हैं, तबवहां का नजारा देखकर रघु की हिम्मत नहीं होती कि वहां खंडहर में जाए। और वह उन चारों को भी वहां से लौट जाने के लिए बोलता है।

परंतु वह चारों उसे अनसुना कर अंदर चले जाते हैं, और रघू से बोलते हैं, वह जब तक वापस नहीं आते, वह उनका वही इंतजार करें,

चारो के अंदर जाते ही खंडहर का दरवाजा अपने आप खुल जाता है, और बहुत सारे चमगादड़ उड़ने लगते हैं यह देखकर शालिनी डर जाती है।





राजू कहता है हवा इतनी चल रही है कि दरवाजा ख़ुद खुल गया होगा।


शीना को उसके पीछे किसी के होने का एहसास होता है। 

उसे ऐसा लगता जैसे किसी ने उसे हाथ लगाया हो। शीना जैसे ही पीछे देखती है वहां कोई नहीं रहता शीना बहुत घबरा जाती है, और वहां से वापस जाने को बोलती है।


 परंतु कोई भी वापस जाने को तैयार नहीं होता कुछ समय बाद खंडहर से किसी के रोने की आवाज आती है। सभी बहुत डर जाते है। और हिम्मत करके उस आवाज की तरफ बढ़ने लगते हैं, परंतु जैसे ही वहां लोग आगे बढ़ते हैं उनके पीछे से सीना के चिल्लाने की आवाज आती है। सभी पीछे मुड़कर देखते हैं  तो सीना उन्हें कही नज़र नही आती।

 यह देखकर सभी घबरा जाते हैं और उसे ढूंढने लगते हैं। सभी अलग-अलग दिशा में जाते हैं। उधर राजू को एक बहुत भयानक चेहरा दिखता है जिसे देख कर राजू डर जाता है, और तुरंत दूसरी तरफ भागता है।


 तभी शालिनी जोर से चीखती है।


उसे सीना की लाश खून से लथपथ दिखती है, राजू और मोनू भी वहां आ जाते हैं। सीना की लाश देख वह तीनों घबरा जाते हैं। और अब राजू बोलता है, हमें अब इस जगह से चले जाना चाहिए, वरना वह रोती  आवाज और वह औरत किसी को नहीं  छोड़ेगी। 


इतना बोलकर  राजू वहां से भागने लगता है, भागते-भागते वह गिर जाता है, और जैसे ही उठता है उसके सामने एक आत्मा नजर आती है। जो कहती है कोई नहीं बचेगा मार डालूंगी सबको मार डालूंगी और वहां आत्मा राजू को मार देती है।


 इधर शालिनी और मोनू ने अपने दो  साथी खो दिए थे। उनका यह आना ही सबसे बड़ी गलती थी,

 शालिनी ऐसा बोलते हुए रोने लगती है ।।


 तभी शालिनी के साथ-साथ वहां किसी और के भी रोने की आवाज आती है। वह दोनों सब तरफ देखते हैं तभी मोनू को सीना नजर आती है, जो रो रही थी। मोनू उसके पास जैसे ही जाता है वहां एक आत्मा का रूप ले लेती है। यहां देखकर मोनू और शालिनी भागने लगते हैं। परन्तु उनके भागने का कोई फायदा नहीं होता, क्योंकि वहां से बाहर जाने का तो रास्ता ही नहीं है। पूरा खंडहर डरावनी आवाज से गूंज रहा था। दोनों एक कोने में छिप कर बैठ जाते हैं, शालिनी कहती है क्या हम नहीं बचेंगे? मोनू बोलता है, कोई ना कोई रास्ता तो होगा ही यहां से बाहर जाने का।




तभी  राजू की आवाज आती है, शालिनी,- शालिनी, कहां हो तुम ? मैं कब से तुम्हें ढूंढ रहा हूं मेरे पास आवो। शालिनी अपने मुंह को दबाते हुए रोने लगती है, तभी अचानक राजू का भूत खून से लथपथ चेहरे लिए हुए उनके सामने आ जाता है।


 वह दोनो उठकर वहां से भागने लगते हैं परन्तु इस बार वह आत्मा मोनू को पकड़ लेती है, और उसके गले में नुकीले और बड़े दांत गड़ा देती है, और सारा खून पीकर मार देती है।


 इधर खंडहर के  बाहर गेट पर बैठा रघु उनका इंतज़ार कर रहा था। तभी राजू, सीना और मोनू जो कि पहले ही मर चुके थे। रघु को अंदर आने को कहते हैं।


 वो तीनों मर चुके हैं, इस बात से अनजान रघु उनके बुलाने पर अंदर आ जाता है। परंतु जैसे ही वह अंदर आता है उसे किसी चीज की ठोकर लगती हैं, और वह गिर जाता है, जब रघु टॉर्च से देखता है तो घबरा जाता है। क्योंकि वहां शीना की लाश खून से भीगी हुई दिखाई देती है।




रघु यह देखकर भागने लगता है और उसे एक एक करके राजू और मोनू की लाश उसी हालत में दिखाई देती है।

 भागते हुए वह शालिनी से टकरा जाता है दोनों एक दूसरे को देख कर  चीखने लगते हैं तभी शालिनी कहती है, "रघु" मैं हूं शालिनी, तूम अंदर कैसे आए?


रघु कहता है मुझे राजू, शीना और मोनू ने बुलाया परंतु उनकी लाश उसने रास्ते में देखा है ।


 यहां क्या हो रहा है ? रघु शालिनी से पूछता है।


एक आत्मा है जो यह सब कर रही है, शालिनी उसे बताती है ।


रघु पूछता है उस आत्मा से बचने का कोई तो तरीका होगा, और वह दोनों एक, दूसरे कमरे में जाकर छुप जाते हैं।


 तभी शालिनी देखती है उस कमरे में चारों तरफ  आईने ही आईने लगे है ।


फिर शालिनी देखती है, सभी आईने एक समान है और एक आईना ऐसा है जो उन  सभी आईनो से बिलकुल अलग है। जिस पर लिखा होता है एन्ड ।


शालिनी को कुछ कुछ समझ में आता है कि शायद यहां से बाहर जाने का रास्ता या फिर उस आत्मा को खत्म करने का राज़ इसी आईने में छुपा है।


 वह उस आईने की तरफ जाने लगती है परंतु  वह जैसे ही कदम बढ़ाती है तभी बहुत तेज हवा चलने के साथ शालिनी उड़ कर बहुत पीछे गिर जाती है।


 वह रघु से कहती है, हमें यहां से बाहर जाना है तो शायद उस आईने को तोड़ना पड़ेगा। परंतु उनके और आईने के बीच एक अदृश्य दीवार है, जिसे तोड़ पाना इतना आसान नहीं है, क्योंकि वह दीवार कोई और नहीं। वही आत्मा है।

रघु  और शालिनी इस बार दोनों एक साथ आगे बढ़ते हैं, परंतु वह दोनो उस आईने तक पहुंच पाते, उससे पहले ही वहां लगे सारे आईने एक-एक करके उन दोनों पर गिरना शुरू हो जाते है।  वह अपने को बचाने की बहुत कोशिश करते है, चारों तरफ बिखरे आईनो से वह घायल हो जाते हैं।


 शालिनी जैसे तैसे करके उस आईने तक पहुंच जाती है, और टूटे हुए आईने का एक बड़ा सा टुकड़ा लेकर आईने को तोड़ देती है।


 आईने के टूटते ही वह आत्मा एक डरावनी चीख के साथ वहां से गायब हो जाती है। वहां चीख इतनी भयानक होती है, कि शालिनी और  रघु दोनों बेहोश हो जाते हैं ।


परंतु जब उन्हें होश आता है तो वह दोनो अपने आपको एक जंगल में  पाते हैं ।


 उन्हें अपने तीन साथियों को खोने का बहुत अफसोस होता है।


और यह हादसा उनके लिए कभी ना भूलने वाला एक अभिशाप बन जाता है ।


 और इस तरह रघु और शालिनी दोनों बच जाते हैं।


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तो चलिए मिलते हैं अगली कहानी में।


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